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फैसलों का कप्तानः महेंद्र सिंह धोनी

भारतीय क्रिकेट इतिहास में 30 दिसंबर 2014 एक ऐसे कप्तान के लिए याद किया जाएगा जो हमेशा अपने फैसलों के कारण मशहूर हुआ। खेल का मैदान हो चाहे युद्ध का मैदान दोनों जगहों पर जीत या, हार में योद्धा के द्वारा लिए गए निर्णय अहम भूमिका निभाते हैं। जी हां भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक बार फिर एक सही फैसला लिया है। टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का उनका फैसला ठीक वैसा ही है जैसा कि 2007 के 20-20 विश्व कप के फाइनल में उन्होंने मिसबाह उल हक के सामने आखिरी ओवर की गेंदबाजी का जिम्मा जोगेन्दर शर्मा को थमा दिया था। उस समय भी क्रिकेट प्रेमियों को आश्चर्य हुआ था और आज भी हो रहा है, लेकिन भारत को सफलता तब भी मिली थी और अब भी मिलेगी। धोनी के पूरे टेस्ट क्रिकेट करियर से अगर उनकी कप्तानी में विदेशों में खेले गए मैचों का आंकड़ा हटा दिया जाए तो उनका रिकार्ड एक कप्तान के तौर पर असाधारण हो जाती है, वहीं विदेशों में खेले गए मैचों में उनका ये आंकड़ा औसत से भी खराब नजर आता है। यहां पर हार-जीत में कप्तानी के साथ-साथ टीम भी उतनी ही जिम्मेदार होती है। यानी कि हम कह सकते हैं कि धोनी की सफ...