भागलपुर का संस्कृति काफी समृद्ध रही है...
जिसके निशान आज भी बांकी हैं।
अजगैबीनाथ मंदिर, सुल्तानगंज, भागलपुर
दिगम्बर जैन मंदिर, भागलपुर.... यही वो पुण्य भूमि कही जाती है जहाँ भगवान वासुपूज्य को जैन धर्मानुसार पाँचों संस्कारों की प्राप्ती हुई थी। जैन धर्मावलम्बीयों के लिए यह मौक्ष भूमि के रूप में जाना जाता है।
रविन्द्र भवन(टिल्हा कोठी) अंग्रेज काल में भागलपुर के डीएम का निवास स्थान, रविन्द्र नाथ ठाकुर अपने भागलपुर प्रवास के दौरान यहीं रूके थे और गीतांजलि के कुछ पन्ने यहीं लिखे थे।
12 फरवरी 1883 को स्थापित हुआ यह टी एन बी कॉलेज, बिहार का दुसरा सबसे पुराना महाविद्यालय है, इससे पहले एकमात्र पटना कॉलेज, पटना की स्थापना हुई है
राष्ट्रीय जलीय जीव गंगेटिका डाल्फिन, 5 अक्टूबर 2009 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में सुल्तानगंज से लेकर कहलगाँव तक के गंगा नदी क्षेत्र को डाल्फिन सैन्चुरी घोषित किया है।
सीढ़ी घाट के नाम से मशहुर ये गंगा के तट का ऐतिहासिक घाट है।
गंगा नदी के किनारे का मैदान
भागलपुर शहर के लगभग मध्य में स्थित "घंटाघर"
भागलपुर का बूढ़ा नाथ मंदिर,
कुप्पाघाट आश्रम में महर्षि मेंही परमहंस जी महराज का समाधी स्थल।
महर्षि संतसेवी जी महराज का समाधी स्थल, कुप्पाघाट भागलपुर
कुप्पाघाट की पुष्प वाटिका दुर्लभ पुष्प मौजूद हैं यहाँ..
गंगा नदी पर बना उत्तर बिहार को भागलपुर से जोड़ता विक्रमशिला सेतु
ऐतिहासिक.... सी एम एस स्कूल भागलपुर।
महिला शिक्षा का अग्रणी केन्द्र एस एम कॉलेज, भागलपुर।
ये नौलक्खा के नाम से मशहूर "मेडिकल कॉलेज भागलपुर" के एक उत्सव के दौरान की तस्वीर है।
बिहार कृषि विश्वविद्यालय जो कि सबौर भागलपुर में स्थित है।
कहलगाँव स्थित नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन लिमिटेड
ये है बटेश्वर धाम जो गंगा के बीच एक टापू की तरह स्थित है, कहलगाँव, भागलपुर।
भागलपुर की सबसे अनमोल धरोहर "विक्रमशिला विश्वविद्यालय"
मंदार पर्वत स्थित पपहरणी कुंड, बौंसी, बांका, भागलपुर।
ये है प्रोजेक्टेड भागलपुर।
चित्र कई वेव पोर्टल से लिए गये हैं लिए गये है उनको साभार..........।।
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