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आनंदमयी वातावरण....

28 जनवरी, ऋतु हेमंत और आईआईएमसी में आनंद प्रधान सर का जन्मदिन हो तो छात्रों में उत्साह, हर्ष और उमंग का वातावरण स्वाभाविक है.......

आनन्द सर का जन्मदिनोत्सव
आप जियें हजारों साल-साल के दिन हो पचास हजार,, हैप्पी बर्थडे टू यू. हैप्पी बर्थडे टू यू, जैसे बोल से हिन्दी पत्रकारिता का कक्ष गुंजायमान हो उठा। एक एक कर सारे शिक्षक गण कमरें में प्रवेश कर रहे थे और हर बढ़ते कदम से ताली की गड़गड़ाहट तेज होती जा रही थी। हिन्दी पत्रकारिता विभाग के विभागध्यक्ष डा. हेमन्त जोशी सर और उनके साथ में मेन आफ द डे यानि आनंद प्रधान सर ने जैसे कमरे में प्रवेश किया, सारे छात्र अपने-अपने स्थान पर खड़े हो गये।

कक्ष में आईआईएमसी के सभी विभागों के छात्र मौजूद थे जिसकी वजह से कुर्सीयाँ कम पड़ गई थी। 
केक काटने की जब बारी आई.... उससे पहले अभिषेक और मैं मोमबत्तियाँ लगा रहे थे, तो अमित सर ने कहा एक मोमबत्ती के दस साल इस पर आनन्द सर ने मुस्कराते हुए जबाव दिया फिर तो पाँच ही लगाना ...... मैं न जाने किस धुन में था,
 केक की खुबसूरती के लिए 6 मोमबत्तियाँ लगा दी। इसके बाद सर ने केक काटा और सभी को केक खिलाए और छात्रों को अपने हाथों से केडवरी का चॉकलेट दिया।


माहौल मजेदार तब हो गया जब छात्रों ने सर से गाने की जिद कर दी, सर ने कहा "अब मैं दुविधा में पड़ गया हूँ मैं जिस खुशी की अनुभूति का एहसास कर रहा हूँ कि मैं न भी नहीं कर सकता और गाने मुझे आता नहीं है। ऐसी स्थिति में दो गाने याद आ रहे हैं एक जो अरविंद ने शपथग्रहण के बाद गाया था....इंसान से इंसान का और दूसरा जिसने अपने 51 वर्ष पूरे किये हैं"
छात्र जिद पर अड़े रहे गाना तो सुनाना पड़ेगा....अतुल बोल पड़ा प्रेम आधारित, सर बोले यूँ तो मैं वैचारिक रूप से प्रेम स्वतंत्रता का पक्षधर हूँ, लेकिन 6 मोमबत्तियाँ लगाकर मेरा रास्ता तो आपलोगों ने बंद कर दिया है भाई। अंतत: तय हुआ कि सर एक कविता सुनाऐंगे। इससे पूर्व कवि अक्षय ने अपने कुछ काव्य बोल रखे।
फिर सर ने अवतार सिंह संधू "पाश" की एक शानदार कविता सुनाई, इस पर छात्र खुद को वाह-वाह करने से नहीं रोक पाए। अंत में सर ने सभी का दिल से आभार व्यक्त किया।

इस मौके पर अनुभूति मेम, अमित सेन सर, कृष्ण सर, भूपेन सर और दिव्यांशु सर सहित आईआईएमसी के कई कर्मी मौजूद थे।  

  

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