ऐ मेरी कविता,
तुम्हें गीत बनाना चाहता हूँ
टूटे हुए ख्वाबों को जोड़कर
एक स्वप्न सजाना चाहता हूँ।
ऐ मेरी कविता,
तुम्हारे साथ दूर तक जाना चाहता हूँ
इस बेज़ान दुनिया को छोड़कर
एक नई दुनिया बसाना चाहता हूँ।
ऐ मेरी कविता,
तुम्हारे दिल में बसना चाहता हूँ
झूठे वादों का तिलिस्म तोड़कर
एक सच्चा वादा निभाना चाहता हूँ।
ऐ मेरी कविता,
तुम्हें उस घर में पहुँचाना चाहता हूँ
जहाँ से लौटा हूँ खुद को मोड़कर
एक लय में तुम्हें गुनगुनाना चाहता हूँ।
ऐ मेरी कविता,
तुम्हें अपने और करीब लाना चाहता हूँ
पुराने सारे बंधन छोड़कर
एक नये बंधन में बंध जाना चाहता हूँ।।
टूटे हुए ख्वाबों को जोड़कर
एक स्वप्न सजाना चाहता हूँ।
ऐ मेरी कविता,
तुम्हारे साथ दूर तक जाना चाहता हूँ
इस बेज़ान दुनिया को छोड़कर
एक नई दुनिया बसाना चाहता हूँ।
ऐ मेरी कविता,
तुम्हारे दिल में बसना चाहता हूँ
झूठे वादों का तिलिस्म तोड़कर
एक सच्चा वादा निभाना चाहता हूँ।
ऐ मेरी कविता,
तुम्हें उस घर में पहुँचाना चाहता हूँ
जहाँ से लौटा हूँ खुद को मोड़कर
एक लय में तुम्हें गुनगुनाना चाहता हूँ।
ऐ मेरी कविता,
तुम्हें अपने और करीब लाना चाहता हूँ
पुराने सारे बंधन छोड़कर
एक नये बंधन में बंध जाना चाहता हूँ।।
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