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आईआईएमसी वार्षिक महोत्सव...2014 आरंभ रहा प्रचंड

कलाओं को मंच मिले। सुर, संगीत और नृत्य का त्रिवेणी संगम हो, जहाँ पीयूष मिश्रा जैसे उम्दा कलाकार कर रहे हों श़िरकत, तो आरंभ को प्रचंड कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। 

वॉक्स-पॉप 2014 वार्षिकोत्सव
आईआईएमसी के वार्षिक मीडिया उत्सव के महा आयोज़न "वॉक्स पॉप" 2014 की शुरूआत "समाज़ के निर्माण में मीडिया की भूमिका" थीम आधारित लघु नाटिका के मंचन के साथ हुआ। इसके पश्चात् संस्थान के महानिदेशक श्री सुनीत टंडन ने दीप प्रज्वलित कर दो दिवसीय कार्यक्रम का शुभांरम्भ किया।
दीप प्रज्वलित करते संस्थान के निदेशक एवं शिक्षक
रंग-बिरंगे पोस्टर से पटा आईआईएमसी अपने 49वें वर्ष में युवा दिखने लगा है, वहीं दूसरी ओर आईआईएमसी के छात्र-छात्राओं तथा भिन्न-भिन्न कॉलेज से आए प्रतिभागियों के रंग-बिरंगे परिधान से ऐसा महसूस हो रहा था जैसे बगीचे में नये-नये कई रंग के फूल खिल आये हैं। पूरे आईआईएमसी परिसर में एक अज़ब सी ख़ुशहाली और उमंग का वातावरण दिख रहा था। 
आईआईएमसी के कुछ छात्र-छात्राओं की हस्तनिर्मित कृति
आईआईएमसी के बाहरी हिस्से में हो रहे नुक्कड़ नाटक ने ना सिर्फ आईआईएमसी के लोगों का दिल जीता, साथ-साथ सड़क पर जा रही जनता भी रूक कर नाटक देखने को मज़बूर हो गये। चाहे मसला भ्रष्ट्राचार का हो, महिला के खिलाफ अपराध का या फिर गंदी राजनीति और बूरे सोच का सभी मुद्दों पर एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दे रहे थे भागीदार। कुछ मौके तो ऐसे भी आए ज़ब कईयों की आँखें ऩम हो आई। 
नुक्कड़ नाटक में भागीदारी करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के भिन्न-भिन्न कॉलेज के छात्र-छात्राएँ
मंच में आयोजित मीडिया डिवेट में आज तक की सह संपादक अंजना ओम कश्यप सहित कई जाने-माने पत्रकारों ने हिस्सा लिया, इस कार्यक्रम का संचालन संस्थान के शिक्षक डा. अमित सेन गुप्त ने किया। लोकसभा चुनाव2014 में जनता, देश किसे सौपने वाली है और सोशल मीडिया कि भूमिका क्या रहने वाली है? इन विषयों के उत्तर तलाशने की पूरज़ोर कोशिश हुई इस डिवेट में।
गूफ्तगू द डिस्कर्सन
रेडियो जिंगल, टी सर्ट डिजाइनिंग, रचनात्मक लेख़न के बाद बारी आई गायक, लेखक, अभिनेता, संगीतकार पीयूष मिश्रा की, जिसकी बेसब्री से लोग इंतजार कर रहे थे। गुलाल फिल्म के गीत 'ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है' से अपने गाने की शुरूआत क्या की महफ़िल गुले गुलज़ार हो गया, अगले डेढ़ घंटे तक पीयूष लगातार गाते रहे और पानी की घूंट लेते रहे, श्रोताओं के कई प्रश्नों का उन्होंने ज़बाव भी दिया।

अगली प्रस्तुति थी सबको झूमने-झूमाने वाले कार्यक्रम नृत्य की जिसमें आईआईटी(IIT) दिल्ली के छात्र सहित दिल्ली विश्वविद्यालय तथा आईआईएमसी(IIMC) के छात्रों ने भी हिस्सा लिया, फिर रात के 10 बज़े तक जो समां बंधा कि वो अब तक मेरे भी सिर चढ़ कर बोल रहा है।

वॉक्स पॉप का सफ़र अभी पूरा नहीं हुआ है कल यानि 22/02/2014 का पूरा दिन और खास तौर पर शाम इंतज़ार कर रही है, अपने अज़ीज साथियों का ताकि प्रचंड आगाज़ को एक मुकम्मल अंज़ाम तक पहुँचाया जा सके।

फोटो साभार:- आनंद प्रधान सर एवं आईआईएमसी एए।

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