कुछ दिनों बाद वर्ष 2014-15 का बजट आएगा, सबकी उम्मीदें उस बजट से लगी हैं कि आखिर उसमें उनके लिए क्या होगा खास? ऐसे ही बजट से मेरी भी कुछ उम्मीद और आकांक्षाएं हैं। इस सरकार के लिए सबसे अच्छी बात ये है कि उनको बजट को लेकर किसी तरह का राजनीतिक दबाव नहीं होगा। रेल किराया की बढ़ोत्तरी के जरिये राजस्व जमा कर सरकार सुविधा देने की बात तो कर रही है। लेकिन ये कदम महंगाई को और बढ़ाएग ा। चुनाव के समय गुजरात के विकास चालीसा का खूब पाठ हुआ था, अब समय आ रहा है कुछ करके दिखाने का। कदम कड़े हों या मनभावन लेकिन बजट का टिकाऊ और समावेशी होना अनिवार्य है। टैक्स टैक्स स्लैब में कुछ बदलाव की उम्मीद है, अधिक आय वालों पर सरचार्ज बना रहे वो कुछ हद तक सही है। स्वास्थ्य स्वास्थ्य मंत्री जी भारतीय सभ्यता की बात तो कर रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य समस्या उससे सुधरने वाली नहीं है। -महिला, बच्चे और वृद्ध के स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए विशेष पहल की जरुरत है। -नकली दवाइयों के कारोबार को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। -जीवन रक्षक दवाइयां की अनिवार्यता लागू हो। -पुरे देश के हर एक गाँव में अम्मा मेडिकल की तर...